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जीणमाता मंदिर के पट खुले तो भिड़ गए गोपाल शर्मा और राजेंद्र गुढ़ा, दोनों नेताओं के बीच हुई जमकर तकरार, वीडियो वायरल

सीकर जिले : के प्रसिद्ध शक्तिपीठ जीणमाता मंदिर में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंदिर के पांचवें दिन जब पुजारियों और प्रशासन के बीच समझौता हुआ और मंदिर के पट खोले गए, तभी वहां एक नया विवाद सामने आ गया। इस बार मामला धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक नोकझोंक का बन गया, जहां दो नेताओं—जयपुर के सिविल लाइंस से विधायक गोपाल शर्मा और पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बीच मंदिर परिसर में ही काफी तीखी बहस हो गई।


क्या हुआ मंदिर में?

विवाद सुलझने के बाद जब विधायक गोपाल शर्मा मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने पुजारियों से लिखित में शिकायत देने की बात कही और आश्वासन दिया कि सरकार इससे भी सख्त कदम उठाएगी। उसी दौरान वहां पहुंचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधायक के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि:

“पिछले कई दिनों से वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं, पूरा मामला मीडिया में है। अब आप लिखित में लेने की बात कर रहे हो? पंडितों का जनेऊ तक टूट गया और अब आप कागज़ मांगते हो?”

यह सुनते ही गोपाल शर्मा भड़क गए और कहा:

“मैं आपकी राय नहीं ले रहा हूं।”

इसके बाद दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक तू-तू, मैं-मैं होती रही, जिसकी वीडियो क्लिप अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।


राजनीति के साथ जुड़ गई धार्मिक संवेदना

जीणमाता मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। जब मंदिर को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, तब से ही माहौल संवेदनशील बना हुआ था। ऐसे में नेताओं की यह खुलेआम बहस ना सिर्फ अनुचित मानी जा रही है, बल्कि इससे जनता में रोष भी देखने को मिल रहा है।


विधायक ने दिए सख्त कार्रवाई के संकेत

बातचीत के बाद विधायक गोपाल शर्मा ने पुजारियों से अलग से मुलाकात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि:

“सरकार पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। गृहमंत्री, डीजीपी और जिला प्रशासन से इस मामले में बात की जा चुकी है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”


क्या कहता है वीडियो?

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों नेता बहस में व्यक्तिगत कटाक्ष तक चले गए, और वहां मौजूद भक्तों और पुजारियों के बीच असहजता का माहौल बन गया। लोगों ने नेताओं से धार्मिक स्थलों पर संयम बरतने की अपील भी की है।


निष्कर्ष:

जीणमाता मंदिर विवाद ने अब एक राजनीतिक रंग ले लिया है। एक ओर जहां सरकार और प्रशासन स्थिति को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नेताओं के बीच इस तरह की बहसें स्थिति को और जटिल बना रही हैं। मंदिर और पुजारियों के सम्मान को केंद्र में रखते हुए सभी पक्षों को मिलकर समाधान निकालना होगा।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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