कोटा : में बुधवार को युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 6 विशेष टीमें तैनात की गईं। सुरक्षा मॉकड्रिल में सायरन बजाना, ब्लैकआउट करना और बचाव कार्यों का अभ्यास शामिल था।
कोटा के साथ-साथ रावतभाटा और बूंदी को इस मॉकड्रिल के दौरान संवेदनशील जोन (Sensitive Zone) में रखा गया। इन क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा उपाय और अतिरिक्त टीमों की तैनाती की गई ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सायरन बजाना: शहर में सायरन बजाकर नागरिकों को आपात स्थिति का संकेत दिया गया।
ब्लैकआउट: संभावित हवाई हमले की स्थिति में ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया, जिसमें सभी प्रकाश स्रोत बंद किए गए।
SDRF का त्वरित बचाव अभियान: SDRF की टीमों ने मॉक बचाव अभियान चलाया, जिसमें घायलों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
रावतभाटा-बूंदी में विशेष सुरक्षा: इन क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा टीमें पूरी तरह सतर्क रहीं।
कोटा में SDRF की कुल 6 टीमें तैनात की गईं, जिनका मुख्य कार्य नागरिकों को सुरक्षित रखना और किसी भी आपात स्थिति में तेजी से बचाव अभियान चलाना था। इन टीमों ने घायलों को प्राथमिक उपचार दिया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
मॉकड्रिल के दौरान प्रशासन ने नागरिकों से निम्नलिखित निर्देशों का पालन करने की अपील की:
सायरन बजते ही घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
ब्लैकआउट के दौरान सभी लाइटें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद रखें।
किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी बचाव टीम से संपर्क करें।
अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी सूचनाओं पर विश्वास करें।
नागरिक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि इस मॉकड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना है। उन्होंने अफवाहों से बचने और केवल सरकारी सूचनाओं पर भरोसा रखने की अपील की।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की सुरक्षा मॉकड्रिल भविष्य में भी समय-समय पर आयोजित की जाएगी, ताकि नागरिक और बचाव टीम दोनों किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
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