भारत और पाकिस्तान : के बीच सीजफायर की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर, गुजरात, राजस्थान और पंजाब में ड्रोन अटैक किए। भारतीय सेना ने इन ड्रोन हमलों को विफल कर दिया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने रात 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की।
पाकिस्तान ने सीमा पर घुसपैठ की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना को फ्रीहैंड दिया गया है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कुछ समय बाद पाकिस्तान की ओर से फायरिंग और ड्रोन अटैक रुक गया और पहली बार रातभर कोई गोलीबारी नहीं हुई।
जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में पाकिस्तान बॉर्डर से सटे इलाकों में आज सुबह हालात सामान्य रहे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से कई क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीजफायर की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी थी। इसके तुरंत बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग की और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी सीजफायर पर सहमति जताई।
22 अप्रैल से 10 मई तक पाकिस्तान की गोलीबारी में 5 भारतीय जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि 60 जवान घायल हैं। इसके अलावा 25 आम नागरिकों की मौत हुई है और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
अमृतसर, पठानकोट और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट है। अमृतसर एयरपोर्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और दिल्ली एयरपोर्ट पर भी विशेष एडवाइजरी जारी की गई है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि भारतीय सेना को किसी भी घुसपैठ का जवाब देने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है। भारतीय सेना सीमा पर मुस्तैद है और किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक और जनरल मनोज नरवणे ने इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जनरल मलिक ने सीजफायर के बाद भी स्थिति पर सवाल उठाया, जबकि जनरल नरवणे ने कहा कि यह तरीका अब और नहीं चलेगा।
सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और फायरिंग की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं है। भारत ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं और भारतीय सेना को किसी भी संभावित खतरे का जवाब देने के लिए पूरी छूट दी गई है।
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