Download App Now Register Now

मनोज और उनकी प्रेमिका की दर्दनाक मौत, प्यार का ऐसा खौफनाक अंत कि अस्थियों के लिए कलश तक नहीं मिला

करनाल। साल 2007 का जून, 15 तारीख की शाम। सूरज ढलने को था, लेकिन हरियाणा के करनाल में एक परिवार की दुनिया हमेशा के लिए अंधेरे में डूब गई। हरियाणा रोडवेज की एक बस में सफेद स्कॉर्पियो अचानक सामने आकर रुकी। उसमें से 8-10 लोग तेजी से बस में चढ़े और मनोज नाम के लड़के और उसकी प्रेमिका बबीता को घसीटकर बाहर ले गए। यह कोई साधारण अपहरण नहीं था, बल्कि गोत्र में प्यार की सजा देने की तैयारी थी।

प्यार की सजा- जो मौत बन गई

मनोज और बबीता एक ही गोत्र से थे, लेकिन उन्होंने समाज के नियमों को चुनौती देते हुए एक-दूसरे से प्यार कर लिया था। यह प्यार उनकी जान पर बन आया। बस से बाहर खींचने के बाद दोनों को बेरहमी से पीटा गया और उनका चेहरा इस कदर बिगाड़ दिया गया कि मां भी पहचान नहीं पाईं।

कीड़े खा गए चेहरा, मां ने भी नहीं पहचाना

हत्यारों ने मनोज और बबीता के शवों को इतनी बेरहमी से तोड़ा और जलाया कि उनके चेहरों को कीड़े खा गए। शवों की पहचान करना भी मुश्किल हो गया था। जब मनोज की मां ने अपने बेटे का चेहरा देखा, तो उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन पहचानने का साहस नहीं।

अस्थियों के लिए कलश तक नहीं मिला

इस ऑनर किलिंग के बाद गांव वालों ने मनोज और बबीता के अंतिम संस्कार में भी अड़चनें पैदा कीं। उनके शवों को जलाने की इजाजत मुश्किल से मिली, लेकिन अस्थियों को रखने के लिए कलश तक नहीं मिला। परिवार अस्थियों को हाथों में लेकर घूमता रहा।

ऑनर किलिंग या समाज की बर्बरता?

करनाल डबल मर्डर ने समाज में ऑनर किलिंग की कड़वी सच्चाई को उजागर किया। मनोज और बबीता का अपराध सिर्फ इतना था कि उन्होंने प्यार किया, लेकिन उनकी जाति और गोत्र उनके प्यार के खिलाफ थे।

पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। मनोज और बबीता के परिवार ने आरोप लगाया कि हत्या उनके ही परिजनों ने की थी, जो इस रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं कर सके। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन मामला लंबा खिंचता रहा।

मनोज और बबीता की याद में संघर्ष

इस हृदयविदारक घटना के बाद मनोज के परिवार ने न्याय की लड़ाई लड़ी। उन्होंने हरियाणा में ऑनर किलिंग के खिलाफ आवाज उठाई और न्याय की मांग की। इस घटना ने देशभर में ऑनर किलिंग के खिलाफ बहस को जन्म दिया।

समाज को आईना दिखाती कहानी

करनाल डबल मर्डर सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त उन विचारों का प्रतीक है जो प्रेम को जाति, गोत्र और धर्म की बेड़ियों में जकड़ कर मार डालते हैं। यह घटना उन सभी परिवारों के लिए सबक है जो प्यार को सम्मान देने के बजाय उसे सजा देने का जरिया बनाते हैं।

निष्कर्ष

करनाल डबल मर्डर की यह कहानी समाज की उस बर्बर सच्चाई को उजागर करती है, जहां प्यार को सजा दी जाती है। मनोज और बबीता का प्यार मर गया, लेकिन उनके साथ हुई हैवानियत कभी नहीं भूलाई जा सकती।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
डोटासरा बोले-विधानसभा स्पीकर फाइल को घूमा रहे:कंवरलाल मीणा पर नहीं हो रहा फैसला, राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में गई थी | एमपी के मंत्री को बर्खास्त करने की मांग: कोटा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन | ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से बमबारी:LoC के गांव खाली, बंकरों में छिपे लोग; बोले- हमारे घर तबाह हुए, लेकिन सबक सिखाया | पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर में रातभर भारी गोलीबारी, चार की मौत, 16 घायल | एयर स्ट्राइक के बाद राजस्थान में हाई-अलर्ट, 2 एयरपोर्ट बंद:जयपुर से भी 4 फ्लाइट्स रद्द; बीकानेर-बाड़मेर में स्कूल बंद, एग्जाम कैंसिल | Rajasthan: SMS अस्पताल में मरीज पर गिरा प्लास्टर, CM भजनलाल शर्मा ने अफसरों की लगाई क्लास, दोषियों पर त्वरित कार्रवाई | Rajasthan: 'महेश जोशी ने अकेले नहीं खाया, गहलोत भी थे हिस्सेदार', लाल डायरी वाले गुढ़ा का बड़ा दावा | जयपुर-जोधपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन में लगी आग, यात्रियों में मची अफरा-तफरी, एक घंटे तक रुकी रही ट्रेन | अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: 2 बच्चों के माता-पिता ने सालों बाद की शादी, 10 लाख की योजना में घोटाले का खुलासा | भारत-फ्रांस के बीच 63,000 करोड़ रुपए में राफेल मरीन विमान डील, 26 विमान होंगे नेवी में शामिल |