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निगम की नई बिल्डिंग के उद्घाटन से पहले हंगामा:नेता प्रतिपक्ष का रूम अलॉट नहीं किया गया, विपक्ष की अनदेखी का आरोप

अजमेर : में नगर निगम की नई जी प्लस थ्री (G+3) बिल्डिंग का उद्घाटन आज होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। नगर निगम की इस नई इमारत में नेता प्रतिपक्ष द्रौपदी कोली का रूम अलॉट नहीं होने पर विपक्ष ने विरोध जताया है। विपक्ष ने इसे अपनी अनदेखी बताते हुए निगम प्रशासन पर भेदभाव के आरोप लगाए हैं।

क्या है पूरा मामला?

नगर निगम की नई बिल्डिंग में सभी विभागों और अधिकारियों के लिए कमरे आवंटित किए गए हैं। लेकिन नेता प्रतिपक्ष द्रौपदी कोली को कोई कमरा आवंटित नहीं किया गया। जैसे ही इस बात की जानकारी विपक्षी पार्षदों को मिली, उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष का आरोप:

  • भेदभाव का आरोप: नेता प्रतिपक्ष द्रौपदी कोली ने आरोप लगाया कि नगर निगम प्रशासन ने जानबूझकर विपक्ष की अनदेखी की है।

  • समानता की मांग: उन्होंने कहा कि विपक्ष भी नगर निगम का हिस्सा है और उसे भी समान अधिकार मिलना चाहिए।

  • तुरंत समाधान की मांग: द्रौपदी कोली ने तुरंत रूम अलॉट करने की मांग की है, अन्यथा आगे विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

विपक्ष का हंगामा और प्रशासन का रुख

  • विपक्षी पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाया।

  • उन्होंने नगर निगम कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और रूम अलॉट करने की मांग की।

  • प्रशासन का कहना है कि रूम अलॉटमेंट का निर्णय पहले ही कर लिया गया था और इसे लेकर किसी प्रकार की भेदभाव नहीं हुई है।

निगम प्रशासन का बयान

नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई बिल्डिंग में जगह की कमी के कारण कुछ विभागों और नेताओं को अस्थायी रूप से जगह नहीं दी जा सकी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान जल्द ही किया जाएगा और नेता प्रतिपक्ष के लिए भी उचित व्यवस्था की जाएगी।

राजनीतिक गर्मी बढ़ी, विपक्ष का विरोध जारी

  • विपक्ष ने इस मामले को लेकर महापौर और नगर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

  • उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही नेता प्रतिपक्ष को रूम नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करेंगे।

  • नगर निगम में विपक्ष और प्रशासन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए स्थानीय राजनीति गर्मा गई है।

क्यों है यह मुद्दा महत्वपूर्ण?

  • नगर निगम की नई बिल्डिंग शहर के विकास और प्रशासनिक सुधारों के लिए बनाई गई है।

  • इसमें नेता प्रतिपक्ष को जगह न देना यह संकेत देता है कि विपक्ष की अनदेखी हो रही है।

  • यह विवाद शहर की राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है।

क्या है आगे का रास्ता?

  • नगर निगम प्रशासन को विपक्ष की मांगों पर विचार करना होगा।

  • नेता प्रतिपक्ष के लिए रूम अलॉट करने का समाधान निकालना होगा।

  • विपक्ष और प्रशासन के बीच संवाद स्थापित कर इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना जरूरी है।

निष्कर्ष:

अजमेर नगर निगम की नई बिल्डिंग का उद्घाटन जहां शहर के विकास का प्रतीक है, वहीं नेता प्रतिपक्ष को रूम न मिलने का विवाद यह संकेत देता है कि शहर की राजनीति में असंतोष बढ़ सकता है। प्रशासन और विपक्ष को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि नगर निगम के कामकाज में पारदर्शिता और समानता बनी रहे।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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