राजस्थान : में गर्मी का प्रकोप इस बार भीषण रूप ले चुका है। मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को प्रदेश के कई इलाकों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। पिलानी और गंगानगर पूर्वी व पश्चिमी राजस्थान के सबसे गर्म स्थान रहे, जहां अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा।
राजस्थान के कई जिलों में तेज गर्मी से जनजीवन प्रभावित हुआ है। पूर्वी राजस्थान के वनस्थली में पारा 45.2°C तक पहुंच गया, जबकि अलवर में 43.8°C, जयपुर में 43.2°C और कोटा में 44.0°C तापमान दर्ज किया गया। अजमेर, भीलवाड़ा, भरतपुर जैसे जिलों में भी तापमान 41 डिग्री से ऊपर रहा। गंगानगर के साथ-साथ बाड़मेर (43°C), लूणकरणसर (43.5°C), बीकानेर (44.4°C), जैसलमेर (41.8°C) और जोधपुर (41.6°C) में भी कड़ाके की गर्मी महसूस की गई।
चुरू, जो राजस्थान का सबसे गर्म शहर माना जाता है, वहां भी 44.2 डिग्री सेल्सियस का तापमान रिकॉर्ड किया गया।
इस भीषण गर्मी के कारण बिजली की खपत और पानी की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को कई इलाकों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को खासतौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक घरों में रहने की सलाह दी है। इस समय सूरज की किरणें अत्यंत तीव्र होती हैं, जिससे गर्मी से जुड़े कई स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। विभाग ने गर्मी से बचाव के लिए हाइड्रेशन बनाए रखने, हल्के कपड़े पहनने और धूप में अनावश्यक बाहर जाने से बचने की हिदायत दी है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक प्रदेश के कई हिस्सों में हीटवेव की स्थिति बनी रहने का अनुमान जताया है। विशेषकर गंगानगर, चुरू, बीकानेर और पिलानी में रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने भी जनता को सतर्क रहने और गर्मी से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
राजस्थान में जारी भीषण गर्मी ने जहां जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं बिजली-पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी चुनौती पेश की है। ऐसे में नागरिकों को विभागीय सलाह का पालन करते हुए गर्मी से बचाव के उपाय अपनाने जरूरी हैं।
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