नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर हल्की वृद्धि देखी जा रही है। बीते 24 घंटे में 2 लोगों की मौत और 27 नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव केसों की संख्या 363 हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस स्थिति पर समीक्षा के लिए शनिवार को आपात बैठक बुलाई।
मृतकों में बेंगलुरु के 84 वर्षीय बुजुर्ग और महाराष्ट्र के ठाणे का 21 वर्षीय युवक शामिल हैं। दोनों की पहले से स्वास्थ्य समस्याएं थीं।
स्वास्थ्य सचिव ने दिल्ली में कोविड स्थिति पर आपात समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसमें ICMR, DHR, DGHS और NCDC के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। बैठक में राज्यों को कोविड टेस्टिंग, वैक्सीनेशन और वैरिएंट ट्रैकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
शनिवार को रिपोर्ट हुए 27 केसों में:
महाराष्ट्र (ठाणे): 8
राजस्थान और कर्नाटक: 5-5
हरियाणा और उत्तराखंड: 3-3
मध्य प्रदेश (इंदौर): 2
उत्तर प्रदेश (नोएडा): 1
गुजरात: कुल 40 केस में से 33 एक्टिव हैं
दिल्ली: 23 केस दर्ज
गाजियाबाद: 4 नए केस, 1 अस्पताल में भर्ती
INSACOG के अनुसार भारत में NB.1.8.1 वैरिएंट का एक मामला और LF.7 के चार मामले सामने आए हैं। ये वैरिएंट चीन और एशियाई देशों में फैलते देखे गए हैं। WHO ने इन वैरिएंट्स को अभी तक ‘चिंताजनक’ की श्रेणी में नहीं रखा, लेकिन ‘निगरानी के योग्य’ वैरिएंट्स माना है।
NB.1.8.1 में पाए गए A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन इसे अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक बनाते हैं। यह वैक्सीन या संक्रमण से बनी इम्युनिटी को भी बाईपास कर सकते हैं।
भारत में अभी सबसे अधिक JN.1 वैरिएंट मिल रहा है, जो BA2.86 ओमिक्रॉन सबलाइनेज का हिस्सा है। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया था। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स पाए गए हैं, जो इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकते हैं।
लक्षण:
बुखार, गला खराब, थकान
कुछ मामलों में लक्षण हफ्तों तक बने रह सकते हैं (Long COVID)
सिंगापुर, चीन, थाईलैंड और हॉन्गकॉन्ग जैसे देशों में केस तेजी से बढ़ रहे हैं:
सिंगापुर: 13 मई तक 14,200 केस
थाईलैंड: 17 मई तक 33,030 केस
हॉन्गकॉन्ग: 10 मई तक 1042 केस
हालांकि भारत में स्थिति अभी नियंत्रण में है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक कोई नया सुपर-स्प्रेडर वैरिएंट नहीं आता, तब तक घबराने की जरूरत नहीं है।
एम्स दिल्ली के वायरोलॉजिस्ट डॉ. सुरेश भल्ला कहते हैं,
"भारत में अभी गंभीर लहर की संभावना नहीं दिख रही। लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।"
मास्क का प्रयोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर करें
हाथ धोते रहें, सैनिटाइजर का उपयोग करें
बुजुर्गों और बीमारों का विशेष ध्यान रखें
लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं
लक्षण छुपाएं नहीं
सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं फैलाएं नहीं
निष्कर्ष:
हालांकि अभी भारत में कोविड की स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन NB.1.8.1 और LF.7 जैसे वैरिएंट्स को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। सरकार और वैज्ञानिक संस्थान निगरानी कर रहे हैं, लेकिन आम लोगों को भी सावधानी और जागरूकता बनाए रखने की जरूरत है।
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