जयपुर/राजसमंद: राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने एक बार फिर इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत करने की जरूरत पर जोर देते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "लोग उल्टी-सीधी बातें बोलते हैं, लेकिन अब सही इतिहास को लोगों तक पहुंचाने का समय आ चुका है। जब बोलती हूं, तो बहुत कुछ बोलती हूं।”
दीया कुमारी ने बताया कि राजसमंद से सांसद रहते हुए 2021 में उन्होंने हल्दीघाटी युद्ध स्थल पर लगे उस शिलालेख को बदलवाया, जिस पर पहले लिखा था कि "हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत हुई थी।"
उन्होंने कहा:
"मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही कि मैंने उस झूठे इतिहास को ठीक करवाया। अब शिलालेख में यह दर्ज है कि महाराणा प्रताप वीरता से लड़े, और उनका आत्मसम्मान और स्वाभिमान आज भी हर भारतीय के मन में जीवित है।"
दीया कुमारी ने स्पष्ट कहा कि इतिहास को सही करना कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि यह हमारी भावी पीढ़ियों के लिए जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि जो वीर गाथाएं और बलिदान के प्रसंग अब तक दबाए गए या तोड़े-मरोड़े गए हैं, उन्हें प्रामाणिक रूप में प्रस्तुत किया जाए।
दीया कुमारी का यह बयान न केवल राजनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को भी दर्शाता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि "हमें वह इतिहास नहीं पढ़ाना चाहिए जो हमारी अस्मिता को कमजोर करे, बल्कि वह इतिहास जो हमारे गौरव को जगा सके।"
दीया कुमारी के इस बयान से साफ है कि वे इतिहास की सच्चाई को पुनः स्थापित करने के मिशन पर हैं।
उनकी बातों में न केवल राजनीतिक जिम्मेदारी झलकती है, बल्कि राजघराने की परंपरा और गौरव का भी एहसास होता है।
हल्दीघाटी जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर तथ्यों को सही करवाने की उनकी पहल, इतिहास प्रेमियों और राष्ट्रवादियों के बीच सराहनीय मानी जा रही है।
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