जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ठग ने सिर्फ आधार कार्ड की फर्जी पहचान के सहारे 6 महीनों में करीब 26 करोड़ रुपए की ठगी कर डाली।
इस हाई-प्रोफाइल ठग ने जयपुर के पॉश इलाकों में किराए पर फ्लैट लेकर अपना फर्जी नेटवर्क खड़ा किया और विदेशों तक निवेशकों को लुभाकर शिकार बनाया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि ठग ने फाइनेंशियल स्कीम का झांसा देकर लोगों को भारी रिटर्न देने का वादा किया।
लोगों ने झांसे में आकर लाखों-करोड़ों का निवेश किया, लेकिन कुछ ही महीनों में सभी संपर्क बंद कर दिए गए।
दुबई, अबूधाबी और भारत के बड़े शहरों के कई निवेशक इस जाल में फंसे हैं। ठग की कंपनी और वेबसाइट भी नकली निकली।
ठग की तलाश में लगी पुलिस को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब पता चला कि जिस व्यक्ति की पहचान उनके पास थी, वह सिर्फ आधार कार्ड में 'जिंदा' है।
पता चला कि वह असल में कोई और है या शायद है ही नहीं।
आधार कार्ड का इस्तेमाल कर नकली पहचान, बैंक खाते, किरायेदारी और मोबाइल नंबर तक लिए गए थे।
ठग ने जयपुर के सिविल लाइंस, मालवीय नगर और वैशाली नगर जैसे इलाकों में आलीशान फ्लैट किराए पर लिए।
महंगी कारों से सफर, फर्जी आईडी से होटल बुकिंग और VPN के जरिए इंटरनेट ट्रैकिंग को भी चकमा दिया गया।
कई बार लोकेशन बदलकर पुलिस को गुमराह किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम ब्रांच, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू कर दी है।
बैंक खातों, डिजिटल ट्रांजैक्शन, क्रिप्टो वॉलेट और इंटरनेशनल रूट की भी गहन जांच हो रही है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर ने मीडिया से कहा:
“यह केस न केवल वित्तीय अपराध है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल पहचान की साख से भी जुड़ा मामला है। हम जल्द ही इस मास्टरमाइंड तक पहुंचने में कामयाब होंगे।”
26 करोड़ की यह डिजिटल ठगी देशभर के लिए चेतावनी है, कि फर्जी पहचान के बल पर कैसे बड़ा अपराध किया जा सकता है।
यह घटना डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम, KYC और आधार की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है।
अब पुलिस का पूरा जोर इस अदृश्य ठग को पकड़ने और निवेशकों को न्याय दिलाने पर है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.