जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज और झूठा हलफनामा पेश करने वाले याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह धोखाधड़ी विभाग और कोर्ट दोनों के साथ हुई है, जो कतई स्वीकार्य नहीं है।
हाईकोर्ट के सामने पेश याचिकाकर्ता ने भर्ती प्रक्रिया में अपने फर्जी डॉक्यूमेंट और झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया था, जिससे न्यायपालिका और भर्ती विभाग दोनों को भ्रमित किया गया। कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध माना और स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।
राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसे कोर्ट के आदेशानुसार जमा करना होगा। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी से भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है और अन्य योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन होता है।
फर्जी दस्तावेज जमा करने के साथ-साथ फार्मेसी प्रैक्टिस नियमों का भी उल्लंघन किया गया है। इस मामले की वजह से भर्ती प्रक्रिया में बाधा आई और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। हाईकोर्ट ने विभाग को भी सतर्क रहने और भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक मजबूत संदेश है। फर्जी दस्तावेज और झूठे हलफनामे पेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत देते हुए कोर्ट ने विभाग और न्यायपालिका दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
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