जोधपुर, लूणी। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जोधपुर जिले के लूणी विधानसभा क्षेत्र के धवा गांव में आयोजित ब्लॉक स्तरीय 'वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान' कार्यक्रम में उस समय असहज स्थिति बन गई, जब गांव की महिलाओं ने मंच पर जाकर जोजरी नदी की सफाई और संरक्षण का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।
जहां एक ओर अधिकारी जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिला रहे थे, वहीं दूसरी ओर महिलाएं "पहले दूषित जोजरी बचाओ, फिर पर्यावरण दिवस मनाओ" के नारों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गईं।
विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन इसके प्रभाव ने मंच को हिला दिया।
महिलाओं ने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था:
“गंदे नाले में बदलती जोजरी को बचाओ”
“हमारे बच्चों का भविष्य इस नदी से जुड़ा है”
“केवल भाषण नहीं, अब एक्शन चाहिए”
कार्यक्रम का संचालन कर रहे अधिकारी कुछ समय के लिए असहज हो गए, लेकिन महिलाओं की बात को गंभीरता से सुनने के लिए बाद में उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया।
जोजरी नदी कभी लूणी क्षेत्र की जल जीवन रेखा मानी जाती थी। लेकिन बीते वर्षों में इसमें औद्योगिक कचरे और सीवरेज का गिरना लगातार बढ़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और सरकार सिर्फ पर्यावरण दिवस पर औपचारिक कार्यक्रम करके अपना कर्तव्य पूरा कर लेते हैं, जबकि जमीनी हकीकत बदलने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, ने प्रशासन के सामने ये मांगे रखीं:
जोजरी नदी में गिर रहे औद्योगिक कचरे और सीवरेज को तुरंत रोका जाए
नदी की सफाई और पुनर्जीवन के लिए विशेष योजना बनाई जाए
जलशक्ति अभियान के तहत जोजरी को प्राथमिकता में शामिल किया जाए
हर गांव से जनप्रतिनिधियों की एक निगरानी समिति बनाई जाए
विरोध के बाद ब्लॉक विकास अधिकारी और जलदाय विभाग के प्रतिनिधियों ने महिलाओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि ग्रामीणों की मांगों को उच्च स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
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