एक बेहद दर्दनाक हादसे में दो मासूम भाइयों की संदूक में दम घुटने से मौत हो गई। दोनों बच्चे खेलते-खेलते लोहे के संदूक में जा छिपे, लेकिन ढक्कन अपने आप बंद हो गया और अंदर से लॉक हो गया। जब तक परिजन घर लौटे और बच्चों की तलाश कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक दोनों की सांसें थम चुकी थीं।
घटना गुरुवार दोपहर की है जब दोनों बच्चों के माता-पिता काम पर गए हुए थे। बच्चे घर में अकेले थे और खेलते समय छिपन-छिपाई में लोहे के पुराने संदूक को छिपने की जगह बना लिया। संयोग से संदूक का ढक्कन बंद हो गया और अंदर लॉक भी हो गया।
शाम को जब माता-पिता घर लौटे और बच्चों को घर में नहीं पाया तो घबराकर इधर-उधर खोजबीन शुरू की। काफी तलाश के बाद बच्चों की हल्की आवाज संदूक से आती सुनी गई। जब संदूक खोला गया तो दोनों बेसुध हालत में थे। तुरंत उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है। बच्चों की मां लगातार बेहोश हो रही हैं और पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल है। दोनों बच्चों की उम्र 6 और 8 वर्ष बताई जा रही है।
विशेषज्ञों और बाल सुरक्षा संगठनों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों की घरेलू सुरक्षा में लापरवाही को दर्शाती हैं। घर में रखे लोहे के संदूक, फ्रीज, पानी की टंकियां या कोई भी बंद होने वाली वस्तु बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। अभिभावकों को चाहिए कि ऐसे सामानों को या तो लॉक करके रखें या उन्हें बच्चों की पहुंच से दूर करें।
यह घटना एक जागरूकता संदेश भी है—छोटे-छोटे खेल मासूमों की जान ले सकते हैं यदि घर में सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए। इस घटना से सबक लेकर हर अभिभावक को अपने घर की सुरक्षा की पुनः समीक्षा करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रासदी न दोहराई जाए।
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