गुरुवार सुबह शुरू हुआ यह अभियान विद्युत विभाग की विजिलेंस टीम ने किया, जिसके तहत घर, कारखाने, वाटर टैंकर साइट्स, आरओ प्लांट और यहाँ तक कि रिसॉर्ट्स तक चेकिंग किया गया।
जांच दल ने पाया कि अधिकतर स्थानों पर मुख्य सप्लाई तार से अवैध तार जोड़े गए थे या फिर मीटर बायपास किया हुआ था, जिसके तहत भारी मात्रा में बिजली चुराई जा रही थी। इसका असर राजस्व पर ही नहीं पड़ा, बल्क़ि इसका भार ट्रांसफॉर्मरों पर भी आया हुआ था, जो अधिक भार होने की वजह से बार-बार ट्रिप होने या उनके जलने का खतरा पैदा करता था।
विभाग ने चेकिंग दौरान लगभग 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया। साथ ही अवैध तारें तुरंत हटाकर उनके खिलाफ विधिवत कार्रवाई शुरू किया गया। आरोपियों पर विद्युत अधिनियम 2003 की धाराओं तहत मामला दर्ज किया जाएगा, जिसके तहत कारावास तक की सजा संभव है।
जयपुर विद्युत वितरण निगम ने लोगों से अपील किया कि वे अवैध कनेक्शनों या बिजली चोरी जैसा काम न करें, इसका असर उनके साथ-साथ पूरे इलाके की विद्युत आपूर्ति पर भी पड़ता है। साथ ही, लोगों से यह भी निवेदन किया कि जहाँ भी अवैध कनेक्शनों या संदिग्ध स्थितियों की जानकारी मिले, उसको विभाग तक पहुंचाएँ, सूचना देने वालों की पहचान पूर्ण रूप से गोपनीय रहेगी।
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