राजस्थानः देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार नीट 2025 का परिणाम आ चुका है, जिसके तहत राजस्थान ने एक बार फिर परचम लहराकर नाम किया ऊंचा किया है।
राजस्थान के सीकर जिले ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर रखा, जहां हनुमानगढ़ जिले के नोहर निवासी महेश कुमार ने नीट 2025 की परीक्षा पहले ही प्रयास में टॉप किया। महेश ने 700 में से 686 अंक अर्जित किए, जिसके साथ ही उन्होंने देशभर में पहली रैंक पर कब्ज़ा किया।
खास बात यह है कि महेश ने पहली बार नीट दिया था, उनके लिए यह प्रयास जीवन बदलने वाला साबित हुआ। उन्होंने बताया कि परिणाम देखकर उनके साथ उनके माता-पिता सहित पूरे परिवार ने खुशी मनाई।
महेश ने इस सफलता का श्रेय मुख्य रूप से माता-पिता और बहन हिमांशी की प्रेरणा व समर्थन को दिया। उनके माता-पिता तृतीय श्रेणी सरकारी शिक्षक हैं, जिन्होंने कभी उनके ऊपर अधिक अंक लाने या अधिक पढ़ाई का बोझ नहीं रखा, इसका फायदा हुआ कि महेश ने तनाव-मुक्त होकर तैयारी किया।
दसवीं बोर्ड परीक्षाओं में उन्होंने 97.17% अंक अर्जित किए थे, जबकि बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में उनके अंक 90.80% रहे। पहले उनका लक्ष्य यूपीएससी था, लेकिन बहन ने बायोलॉजी अपनाकर नीट देने की प्रेरणा दी, जिसके बाद उन्होंने नीट पर अधिक प्रयास किया।
महेश ने बताया कि उन्होंने लगभग तीन वर्षों तक सीकर रहकर नीट की तैयारी किया, लेकिन उनके स्टडी शेड्यूल ने अधिकतर लोगों की सोच बदल दी।
वे रोज़ लगभग 6-7 घंटे ही पढ़ाई किया करते थे, जबकि नीट से एक माह पहले तनाव से दूर रहने के लिए उन्होंने इसका शेड्यूल थोड़ा हल्का किया — लगभग 4-5 घंटे रोज़। उनके अनुसार अधिक तनाव या अधिक घंटे पढ़ाई से भूलने का खतरा रहता है, इसलिए उन्होंने गुणवत्ता पर अधिक जोर दिया।
महेश ने नीट या कोई भी प्रतियोगिता देने वाले छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि टेस्ट्स या ट्रायल्स में कम अंक आने पर निराश होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सलाह दी कि मुश्किलें हर छात्र की तैयारी का हिस्सा होती हैं, इसलिए माता-पिता, शिक्षकों या साथियों से बातचीत कर तनाव दूर किया जा सकता है।
महेश ने यह भी किया कि अधिकतर छात्र अधिक तनाव या असफलता मिलने पर निराश होकर प्रयास छोड़ हैं, जबकि असली चैंपियन वही होते हैं जो मुश्किलें आने पर भी प्रयास नहीं छोड़
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