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ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी-ट्रम्प की बातचीत: आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की भारत की नीति स्पष्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बुधवार को एक अहम बातचीत हुई, जो करीब 35 मिनट तक चली। इस फोन वार्ता के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसे हाल ही में भारत द्वारा अंजाम दिया गया था।

पीएम मोदी ने इस दौरान ट्रम्प को बताया कि सीजफायर पाकिस्तान की ओर से रिक्वेस्ट करने पर किया गया है, न कि भारत की किसी कमजोरी या समझौते के तहत। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद को अब सीधे युद्ध के रूप में लिया जाएगा और इसके विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम होगा।


मोदी-ट्रम्प बातचीत: आतंकवाद के विरुद्ध साझा दृष्टिकोण

इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को बताया कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति अब पूरी तरह से आतंक के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाएगी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि—

"हम अब आतंकवाद से एक युद्ध की तरह निपटेंगे। पाकिस्तान द्वारा किया गया सीजफायर अनुरोध हमारी रणनीतिक जीत का प्रमाण है, न कि किसी समझौते का हिस्सा।"

ट्रम्प ने भी भारत के इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ खड़ा है।


G7 समिट 2019 की पृष्ठभूमि में आया यह संवाद

यह फोन वार्ता ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही महीने पहले फ्रांस में आयोजित G7 समिट के दौरान मोदी और ट्रम्प की मुलाकात हुई थी। उस समय भी दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद और दक्षिण एशिया की सुरक्षा को लेकर गहन चर्चा हुई थी।


क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

हालांकि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की आधिकारिक जानकारी सीमित रखी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह ऑपरेशन एक सीमावर्ती सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें आतंकवादियों के लॉन्च पैड को निशाना बनाया गया। भारत ने इस ऑपरेशन को तेज, सटीक और संदेशात्मक बताया है।


सीजफायर की पाकिस्तान द्वारा पहल

पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग खुद की थी, जो भारत की मजबूत कूटनीति और सैन्य दबाव का परिणाम है। यह भारत की आक्रामक नीति की जीत मानी जा रही है, जो आतंकी गतिविधियों के प्रति अब और सहनशील नहीं रहेगी।


निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के विरुद्ध नई नीति का प्रतीक बनकर सामने आया है। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प की यह बातचीत वैश्विक स्तर पर एक बार फिर स्पष्ट करती है कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा बनाकर काम कर रहे हैं। पाकिस्तान को दी गई सख्त चेतावनी और भारत की स्पष्ट नीति आने वाले समय में उपमहाद्वीप की रणनीतिक दिशा तय करेगी।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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