शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि भिनाय क्षेत्र के पटवारी और चैनमैन ने म्यूटेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए बार-बार परेशान किया और अंततः 5500 रुपए की मांग की। थक-हार कर शिकायतकर्ता ने एसीबी अजमेर को संपर्क किया और सारी जानकारी दी।
एसीबी ने शिकायत के सत्यापन के बाद जाल बिछाया। बुधवार को पूर्व-निर्धारित योजना के तहत जैसे ही 5000 रुपए की रिश्वत ली गई, टीम ने दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई भिनाय के राजस्व विभाग कार्यालय में हुई। मौके से रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है।
गिरफ्तार पटवारी और चैनमैन से एसीबी अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। जांच में यह भी स्पष्ट होगा कि क्या यह रिश्वतखोरी की कोई नियमित प्रणाली थी या अलग-थलग मामला। इस कार्रवाई से क्षेत्र के अन्य मामलों की भी जांच होने की संभावना है।
सरकारी कार्यों में अनावश्यक विलंब और रिश्वत की मांग
म्यूटेशन जैसी आवश्यक सेवा को भ्रष्टाचार के जाल में फंसाना
आमजन की शिकायतों के बाद ही हरकत में आते हैं अधिकारी
विभागीय नियंत्रण तंत्र की गंभीर विफलता
इस कार्रवाई के बाद राजस्व विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। आम जनता ने एसीबी की कार्रवाई की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि अब ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
राज्य में एसीबी की सक्रियता ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। म्यूटेशन जैसी आवश्यक प्रक्रिया में रिश्वत लेना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह प्रशासनिक नैतिकता के खिलाफ भी है।
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